30 June, 2010

मोरी धानी चुनरिया लाल भयी



राग:- यमन
ताल
:-त्रिताल
सम
:- मात्रा 9 पर


मोरी धानी चुनरिया लाल भयी
लाल भयी रे मोरी सुध भी गयी
मोरी धानी चुनरिया लाल भयी


भीतर लंका आग जली मैं

गगन अगन में रंग जो गयी
मोरी धानी चुनरिया लाल भयी


गोकुल मथुरा काशी काबा
पायो तब से जाग गयी
मोरी धानी चुनरिया लाल भयी


'सूर-पिया' ने छेडा यमन तो
गाल की लाली गुलाल भयी
मोरी धानी चुनरिया लाल भयी


शब्द एवं स्वर रचना :- 'सूर-पिया' (Bhavesh N. Pattni)

28 June, 2010

तेज़ हवा

युं चली तेज़ हवा,
युं तेरा आंचल उडा
,
देख
कर मैं मुडा
,
और
तुजसे जुडा


- '
बेशुमार'

નિચોડ


જિંદગીની જાતરાનો એ જ તો નિચોડ છે,
બાંગ હો યા બુત-પરસ્તી, બંદગી બેજોડ છે.


- '
બેશુમાર' (ભાવેશ એન. પટ્ટણી)

27 June, 2010

जाउं री मैं तो जाउं जमुना के तीर

छोटा खयाल
ताल:- कहेरवा
सम:- मात्रा 6 पर

जाउं री मैं तो जाउं जमुना के तीर
जाउं री मैं तो जाउं जमुना के तीर

जमुना पे लागा मोहे बांसुरी से तीर
बाट निहारुं बहे, नैनों से नीर, नैनों से नीर
जाउं री मैं तो जाउं जमुना के तीर

Written and Composed by
'सूर-पिया' (Bhavesh N. Pattni)