30 June, 2010

मोरी धानी चुनरिया लाल भयी



राग:- यमन
ताल
:-त्रिताल
सम
:- मात्रा 9 पर


मोरी धानी चुनरिया लाल भयी
लाल भयी रे मोरी सुध भी गयी
मोरी धानी चुनरिया लाल भयी


भीतर लंका आग जली मैं

गगन अगन में रंग जो गयी
मोरी धानी चुनरिया लाल भयी


गोकुल मथुरा काशी काबा
पायो तब से जाग गयी
मोरी धानी चुनरिया लाल भयी


'सूर-पिया' ने छेडा यमन तो
गाल की लाली गुलाल भयी
मोरी धानी चुनरिया लाल भयी


शब्द एवं स्वर रचना :- 'सूर-पिया' (Bhavesh N. Pattni)

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